گر غصه روزگار گویم | بس قصه بی شمار گویم | |
یک عمر هزارسال باید | تا من یکی از هزار گویم | |
چشمم به زبان حال گوید | نی آن که به اختیار گویم | |
بر من دل انجمن بسوزد | گر درد فراق یار گویم | |
مرغان چمن فغان برآرند | گر فرقت نوبهار گویم | |
یاران صبوحیم کجایند | تا درد دل خمار گویم | |
کس نیست که دل سوی من آرد | تا غصه روزگار گویم | |
درد دل بیقرار سعدی | هم با دل بیقرار گویم |